Hindi Poem of Bashir Badra “Gaun mit jayenga shahar jal jayega”,”गाँव मिट जायेगा शहर जल जायेगा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गाँव मिट जायेगा शहर जल जायेगा

 Gaun mit jayenga shahar jal jayega

गाँव मिट जायेगा शहर जल जायेगा

ज़िन्दगी तेरा चेहरा बदल जायेगा

कुछ लिखो मर्सिया मसनवी या ग़ज़ल

कोई काग़ज़ हो पानी में गल जायेगा

अब उसी दिन लिखूँगा दुखों की ग़ज़ल

जब मेरा हाथ लोहे में ढल जायेगा

मैं अगर मुस्कुरा कर उन्हें देख लूँ

क़ातिलों का इरादा बदल जायेगा

आज सूरज का रुख़ है हमारी तरफ़

ये बदन मोम का है पिघल जायेगा

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