Hindi Poem of Bashir Badra “Sun li jo khuda ne vo dua tum to nahi ho”,”सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो

 Sun li jo khuda ne vo dua tum to nahi ho

सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो

दरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो

सिमटी हुई शर्माई हुई रात की रानी

सोई हुई कलियों की हया तुम तो नहीं हो

महसूस किया तुम को तो गीली हुई पलकें

भीगे हुये मौसम की अदा तुम तो नहीं हो

इन अजनबी राहों में नहीं कोई भी मेरा

किस ने मुझे यूँ अपना कहा तुम तो नहीं हो

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