Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Acha Anubhav“ , “अच्छा अनुभव” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अच्छा अनुभव

 Acha Anubhav

 

मृत्यु का सुवास

देह पर उस का स्पर्श

मधुर ही कहूँगा

उस का स्वर कानों में

भीतर मगर प्राणों में

जीवन की लय

तरंगित और उद्दाम

किनारों में काम के बँधा

प्रवाह नाम का

एक दृश्य सुबह का

एक दृश्य शाम का

दोनों में क्षितिज पर

सूरज की लाली

दोनों में धरती पर

छाया घनी और लम्बी

इमारतों की वृक्षों की

देहों की काली

दोनों में कतारें पंछियों की

चुप और चहकती हुई

दोनों में राशियाँ फूलों की

कम-ज्यादा महकती हुई

दोनों में

एक तरह की शान्ति

एक तरह का आवेग

आँखें बन्द प्राण खुले हुए

अस्पष्ट मगर धुले हुऐ

कितने आमन्त्रण

बाहर के भीतर के

कितने अदम्य इरादे

कितने उलझे कितने सादे

अच्छा अनुभव है

मृत्यु मानो

हाहाकार नहीं है

कलरव है!

 

 

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