Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Apne janam din par“ , “अपने जन्म दिन पर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अपने जन्म दिन पर

 Apne janam din par

 

एक सामान्य-सा अहं

एक सकुचा-सकुचा-सा

सदभाव

बस इतना मै हूँ

औए चाहता हूँ

बने रहें

मेरे ये नगण्य तत्व

जितने हैं उतने

मेरे भीतर

और छुएं मेरे बाहर

दूसरों को

जगाएं उनमे

अपने-अपनेपन का भाव

जो कम हो अभिमान से

जो नम हो

प्यार से कुछ ज्यादा

 

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