Hindi Poem of Dushyant Kumar “ Afvah hai ya sach hai ye koi nahi bola“ , “अफ़वाह है या सच है ये कोई नही बोला” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अफ़वाह है या सच है ये कोई नही बोला

 Afvah hai ya sach hai ye koi nahi bola

 

अफ़वाह है या सच है ये कोई नही बोला

मैंने भी सुना है अब जाएगा तेरा डोला

इन राहों के पत्थर भी मानूस थे पाँवों से

पर मैंने पुकारा तो कोई भी नहीं बोला

लगता है ख़ुदाई में कुछ तेरा दख़ल भी है

इस बार फ़िज़ाओं ने वो रंग नहीं घोला

आख़िर तो अँधेरे की जागीर नहीं हूँ मैं

इस राख में पिन्हा है अब भी वही शोला

सोचा कि तू सोचेगी, तूने किसी शायर की

दस्तक तो सुनी थी पर दरवाज़ा नहीं खोला

 

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