Hindi Poem of Dushyant Kumar “  Kaun yaha aaya tha“ , “कौन यहाँ आया था” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कौन यहाँ आया था

 Kaun yaha aaya tha

 

कौन यहाँ आया था

कौन दिया बाल गया

सूनी घर-देहरी में

ज्योति-सी उजाल गया

पूजा की बेदी पर

गंगाजल भरा कलश

रक्खा था, पर झुक कर

कोई कौतुहलवश

बच्चों की तरह हाथ

डाल कर खंगाल गया

आँखों में तिरा आया

सारा आकाश सहज

नए रंग रँगा थका-

हारा आकाश सहज

पूरा अस्तित्व एक

गेंद-सा उछाल गया

अधरों में राग, आग

अनमनी दिशाओं में

पार्श्व में, प्रसंगों में

व्यक्ति में, विधाओं में

साँस में, शिराओं में

पारा-सा ढाल गया|

 

 

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