Hindi Poem of Gopal sing Nepali “ Darshan do ghanshyam nath mori ankhiya pyasi re” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे

 Darshan do ghanshyam nath mori ankhiya pyasi re

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे ।।

मंदिर-मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी ।

युग बीते, ना आई मिलन की पूरनमासी रे ।।

दर्शन दो घनश्याम, नाथ! मोरि अँखियाँ प्यासी रे ।।

द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले ।

अंधा देखे, लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे ।।

दर्शन दो घनश्याम, नाथ! मोरी अँखियाँ प्यासी रे ।।

पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समझाऊँ ।

आँख मिचौली छोड़ो अब तो, घट-घट वासी रे ।।

दर्शन दो घनश्याम, नाथ! मोरी अँखियाँ प्यासी रे ।।

 

 

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