Hindi Poem of Ibne Insha “ Jog bijog ki bate jhuthi sab ji ka bahlana ho” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जोग बिजोग की बातें झूठी सब जी का बहलाना हो

 Jog bijog ki bate jhuthi sab ji ka bahlana ho

जोग बिजोग की बातें झूठी सब जी का बहलाना हो|

फिर भी हम से जाते जाते एक ग़ज़ल सुन जाना हो|

सारी दुनिया अक्ल की बैरी कौन यहां पर सयाना हो,

नाहक़ नाम धरें सब हम को दीवाना दीवाना हो|

तुम ने तो इक रीत बना ली सुन लेना शर्माना हो,

सब का एक न एक ठिकाना अपना कौन ठिकाना हो|

नगरी नगरी लाखों द्वारे हर द्वारे पर लाख सुखी,

लेकिन जब हम भूल चुके हैं दामन का फैलाना हो|

तेरे ये क्या जी में आई खींच लिये शर्मा कर होंठ,

हम को ज़हर पिलाने वाली अमृत भी पिलवाना हो|

हम भी झूठे तुम भी झूठे एक इसी का सच्चा नाम,

जिस से दीपक जलना सीखा परवाना मर जाना हो|

सीधे मन को आन दबोचे मीठी बातें सुन्दर लोग,

‘मीर’, ‘नज़ीर’, ‘कबीर’, और ‘इन्शा’ सब का एक घराना हो|

 

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