Hindi Poem of Mira Bai “ Mero darad  na jane koy, “मेरो दरद न जाणै कोय” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मेरो दरद न जाणै कोय

 Mero darad  na jane koy

हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।

घायल की गति घायल जाणै, जो कोई घायल होय।

जौहरि की गति जौहरी जाणै, की जिन जौहर होय।

सूली ऊपर सेज हमारी, सोवण किस बिध होय।

गगन मंडल पर सेज पिया की किस बिध मिलणा होय।

दरद की मारी बन-बन डोलूँ बैद मिल्या नहिं कोय।

मीरा की प्रभु पीर मिटेगी, जद बैद सांवरिया होय।

 

 

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