Hindi Poem of Naresh Saksena “  Bethe he do tile”,”बैठे हैं दो टीले” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बैठे हैं दो टीले

 Bethe he do tile

 

तनिक देर और आसपास रहें

चुप रहें, उदास रहें,

जाने फिर कैसी हो जाए यह शाम।

एक-एक कर पीले पत्तों का

टूटते चले जाना, इतने चुपचाप,

और तुम्हारा पलकें झपकाकर

प्रश्नों को लौटा लेना अपने आप।

दूर-दूर सड़क के किनारे पर

सूखे पत्तो के धुँधुआते से ढेर,

एक तरफ बैठे हैं दो टीले

गुमसुम-से पीठ फेर-फेर,

डूब रहा सभी कुछ अँधेरे में

चुप्पी के घेरे में

पेड़ों पर चिड़ियों ने डाला कुहराम।

 

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