Hindi Poem of Piyush Mishra “ O re baba hum chandi nahi mangte”,”ओ रे बाबा हम चाँदी नहीं माँगते” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ओ रे बाबा हम चाँदी नहीं माँगते

 O re baba hum chandi nahi mangte

 

ओ रे बाबा हम चाँदी नहीं माँगते

ओ रे बाबा हम सोना नहीं माँगते

हम हीरे का खज़ाना नहीं माँगते

गर हम कुछ माँगते माँगते हैं तो अपना हक

माँगते माँगते माँगते

हम यूँ ही कट जाना नहीं माँगते

हम यूँ ही जल जाना नहीं माँगते

हम यूँ ही मर जाना नहीं माँगते

गर हम कुछ माँगते माँगते हैं तो अपना हक

माँगते माँगते माँगते

पोप सुन लो ज़रा, तुम भी ये दासताँ

हमने सीखी है ये, गैलिलियो की ज़ुबाँ

धर्म तुम्हारा था, हज़्ज़ारों साल से

आज हमारा है, ऐसा उसने कहा

हम स्वर्ग-नरक का फ़साना नहीं माँगते

उलझा हुआ ताना-बाना नहीं माँगते

गर हम कुछ माँगते माँगते हैं तो अपना हक

माँगते माँगते माँगते

हम जीने का बहाना नहीं माँगते

हम गुज़रा ज़माना नहीं माँगते

हम बासी ये तराना नहीं माँगते

गर हम कुछ…

ओ ज़मींदार भई, तूने जो ज़ुल्म किए

इक-इक करके सभी हमने मालूम किए

झूठा लगान था, झूठा फ़रमान था

झूठी हर बात थी, झूठा हर दाम था

हम झूठा लगान चुकाना नहीं माँगते

खेतों में बारूद उगाना नहीं माँगते

गर हम कुछ माँगते माँगते हैं तो अपना हक

माँगते माँगते माँगते

भूखे बच्चों को रुलाना नहीं माँगते

हम फेंका हुआ खाना नहीं माँगते

अब हम थक जाना नहीं माँगते

गर हम कुछ…

 

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