Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Tumhari nazar kyo khafa ho gai“ , “तुम्हारी नज़र क्यों खफ़ा हो गई” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम्हारी नज़र क्यों खफ़ा हो गई

 Tumhari nazar kyo khafa ho gai

तुम्हारी नज़र क्यों खफ़ा हो गई

खता बख्श दो गर खता हो गई

हमारा इरादा तो कुछ भी न था

तुम्हारी खता खुद सज़ा हो गई

तुम्हारी …

सज़ा ही सही आज कुछ तो मिला है

सज़ा में भी इक प्यार का सिलसिला है

सज़ा ही सही आज कुछ तो मिला है

सज़ा में भी इक प्यार का सिलसिला है

मोहब्बत का कुछ भी अन्जाम हो

मुलाक़ात ही इल्तजा हो गई

तुम्हारी …

मुलाक़ात पे इतने मगरूर क्यों हो

हमारी खुशामद पे मजबूर क्यों हो

मुलाक़ात पे इतने मगरूर क्यों हो

हमारी खुशामद पे मजबूर क्यों हो

मनाने की आदत कहां पड़ गई

खताओं की तालीम क्या हो गई

तुम्हारी …

सताते न हम तो मनाते ही कैसे

तुम्हें अपने नज़दीक लाते ही कैसे

सताते न हम तो मनाते ही कैसे

तुम्हें अपने नज़दीक लाते ही कैसे

किसी दिन की चाहत अमानत ये थी

वो आज दिल की आवाज़ हो गई

तुम्हारी …

 

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