Hindi Poem of Satyanarayan “Akshara se“ , “अक्षरा से” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अक्षरा से

 Akshara se

अरी अक्षरा

तू है बढ़ी उम्र का

गीत सुनहरा

मेरे उजले केश

किंतु, इनसे उजली

तेरी किलकारी

तेरे आगे

फीकी लगती

चाँद-सितारों की उजियारी

कौन थाह पाएगा

बिटिया

यह अनुराग

बड़ा है गहरा

तू हँसती है

झिलमिल करती

आबदार मोती की लड़ियाँ

तेरी लार-लपेटी बोली

छूट रहीं

सौ-सौ फुलझड़ियाँ

ये दिन हैं

खिलने-खुलने के

इन पर कहाँ

किसी का पहरा

होंठों पर

उग-उग आते हैं

दूध-बिलोये अनगिन आखर

कितने-कितने

अर्थ कौंधते

गागर में आ जाता सागर

मैं जीवन का

वर्ण आखिरी

तू मेरा

अनमोल ककहरा ।

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