Hindi Poem of Sishan Saroj “Tal sa hilta raha man“ , “ताल सा हिलता रहा मन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ताल सा हिलता रहा मन
Tal sa hilta raha man

धर गये मेंहदी रचे
दो हाथ जल में दीप
जन्म जन्मों ताल सा हिलता रहा मन

बांचते हम रह गये अन्तर्कथा
स्वर्णकेशा गीतवधुओं की व्यथा
ले गया चुनकर कमल कोई हठी युवराज
देर तक शैवाल सा हिलता रहा मन

जंगलों का दुख, तटों की त्रासदी
भूल सुख से सो गयी कोई नदी
थक गयी लड़ती हवाओं से अभागी नाव
और झीने पाल सा हिलता रहा मन

तुम गये क्या जग हुआ अंधा कुँआ
रेल छूटी रह गया केवल धुँआ
गुनगुनाते हम भरी आँखों फिरे सब रात
हाथ के रूमाल सा हिलता रहा मन

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