Hindi Poem of Sur Das “ Ese santki seva, “ऐसे संतनकी सेवा” Complete Poem for Class 10 and Class 12

ऐसे संतनकी सेवा

 Ese santki seva

 

ऐसे संतनकी सेवा । कर मन ऐसे संतनकी सेवा ॥ध्रु०॥

शील संतोख सदा उर जिनके । नाम रामको लेवा ॥ क०॥१॥

आन भरोसो हृदय नहि जिनके । भजन निरंजन देवा ॥ क०॥२॥

जीन मुक्त फिरे जगमाही । ज्यु नारद मुनी देवा ॥ क०॥३॥

जिनके चरन कमलकूं इच्छत । प्रयाग जमुना रेवा ॥ क०॥४॥

सूरदास कर उनकी संग । मिले निरंजन देवा ॥ क०॥५॥

 

 

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