Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Tute Sakal Bandhan ”, “टूटें सकल बन्ध” Complete Poem for Class 10 and Class 12

टूटें सकल बन्ध -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

Tute Sakal Bandhan – Suryakant Tripathi “Nirala”

टूटें सकल बन्ध
कलि के, दिशा-ज्ञान-गत हो बहे गन्ध।
रुद्ध जो धार रे
शिखर – निर्झर झरे
मधुर कलरव भरे
शून्य शत-शत रन्ध्र।

रश्मि ऋजु खींच दे
चित्र शत रंग के,
वर्ण – जीवन फले,
जागे तिमिर अन्ध।

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