Hindi Poem of Trilochan “Dharam ki kamai“ , “धर्म की कमाई” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

धर्म की कमाई

Dharam ki kamai

पर ले जाती हैं। बनिया तराजू के एक पल्ले पर नमक

और दूसरे पर चिरौंजी बराबर तोल कर दिखा देता है

और कहता है, हम तो ईमान की कमाई खाते हैं।

स्त्रियाँ नमक ले कर घर जाती हैं। बनिया

मिठाइयां बनाता और बेचता है। उस की दुकान

का नाम है। अब वह चिरौंजी की बर्फी बनाता है,

दूर दूर तक उस की चर्चा है। गाहक दुकान पर

पूछते हुए जाते हैं। कीन कर ले जाते हैं, खाते और खिलाते हैं।

बनिया धरम करम की चर्चा करता है। कहता

है, धरम का दिया खाते हैं, भगवान् के गुण गाते हैं।

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