Hindi Poem of Pradeep “ Hone laga hai mujh pe jawani ka ab asar, “होने लगा है मुझ पे जवानी का अब असर” Complete Poem for Class 10 and Class 12

होने लगा है मुझ पे जवानी का अब असर

 Hone laga hai mujh pe jawani ka ab asar

 

होने लगा है मुझ पे जवानी का अब असर

झुकी जाए नज़र

देखो छलक पड़ी है मेरे रूप की गागर

झुकी जाए नज़र हो झुकी जाए नज़र

इक ऐसी डगर पर आई मेरी उमर

दमकी है मेरी दुनिया झमकी है झांझर

दुल्हन की तरह आज मैं बन ठन चली  किधर

झुकी जाए नज़र हो  झुकी जाए नज़र

मुस्का रहा है मन शरमा रहे नयन

पलकों में झुमने लगे प्यार के सपन

चुपके से मेरे दिल में कोई कर रहा है घर

झुकी जाए नज़र हो झुकी जाए नज़र

अपना है अब ये हाल लटपट हुई है चाल

मैं ऐसे डोलूं जैसे डोले पवन में डाल

पड़ने लगे हैं पाँव मेरे इधर उधर

झुकी जाए नज़र हो झुकी जाए नज़र

होने लगा है मुझ पे जवानी का अब असर

झुकी जाए नज़र झुकी जाए नज़र

 

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