Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Aaj Pratham Gai Pik Pancham ”, “आज प्रथम गाई पिक पंचम” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आज प्रथम गाई पिक पंचम -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

Aaj Pratham Gai Pik Pancham – Suryakant Tripathi “Nirala”

 

आज प्रथम गाई पिक पंचम।
गूंजा है मरु विपिन मनोरम।

मस्त प्रवाह, कुसुम तरु फूले,
बौर-बौर पर भौंरे झूले,
पात-गात के प्रमुदित झूले,
छाई सुरभि चतुर्दिक उत्तम।

आँखों से बरसे ज्योतिःकण,
परसे उन्मन-उन्मन उपवन,
खुला धरा का पराकृष्ट तन,
फूटा ज्ञान गीतमय सत्तम।

प्रथम वर्ष की पांख खुली है,
शाख-शाख किसलयों तुली है,
एक और माधुरी घुली है,
गीत-गन्ध-रस वर्णों अनुपम।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.