Hindi Short Story and Hindi Moral Story on “Samarpan” , “समपर्ण” Complete Hindi Prernadayak Story for Class 9, Class 10 and Class 12.

समपर्ण

Samarpan

 

 

संत राबिया एक दिन बहुत बीमार हो गईं| एक साधक उनसे मिलने आया| राबिया की हालत देखकर उसे बड़ा दुख हुआ, पर कहे तो क्या कहे|

राबिया उसके मन की बात ताड़ गईं| उन्होंने कहा – तुम कुछ कहना चाहते हो, कहो|

उस साधक ने कहा – आप इतनी बीमार हो| ईश्वर से प्रार्थना करो, वह आपकी बीमारी को दूर कर देंगे|

राबिया उसकी बात सुनकर हंस पड़ीं| बोलीं – क्या तुम्हें पता नहीं कि बीमारी किसकी इच्छा से होती है? क्या मेरी बीमारी में प्रभु का हाथ नहीं है?

साधक बोला – आप ठीक कहती हैं| बिना उसकी इच्छा के कुछ भी नहीं हो सकता|

तब! राबिया ने कहा – तुम मुझसे कैसे कहते हो कि मैं उसकी इच्छा के खिलाफ बीमारी से छुटकारा पाने के लिए उससे प्रार्थना करूं? उसे जिस दिन ठीक करना होगा, अपने आप कर देगा|

 

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.