Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Jayshankar Prasad “Himadri Tung Shring Se”, “हिमाद्रि तुंग श्रृंग से  ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हिमाद्रि तुंग श्रृंग से  Himadri Tung Shring Se   हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, प्रबुद्ध शुद्ध भारती। स्वयंप्रभा समुज्ज्वला, स्वतंत्रता पुकारती॥ अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञ सोच लो। प्रशस्त …

Hindi Poem of Jayshankar Prasad “Bharat Mahima”, “भारत महिमा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

भारत महिमा Bharat Mahima   हिमालय के आँगन में उसे, प्रथम किरणों का दे उपहार । उषा ने हँस अभिनंदन किया, और पहनाया हीरक-हार ।। जगे हम, लगे जगाने …

Hindi Poem of Maithili Sharan Gupt “Nahush Ka Patan”, “नहुष का पतन ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

नहुष का पतन  Nahush Ka Patan मत्त-सा नहुष चला बैठ ऋषियान में  व्याकुल से देव चले साथ में, विमान में  पिछड़े तो वाहक विशेषता से भार की  अरोही अधीर …

Hindi Poem of Maithili Sharan Gupt “Nikrakh Sakhi ye Khanjan Aye”, “निरख सखी ये खंजन आए  ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

निरख सखी ये खंजन आए  Nikrakh Sakhi ye Khanjan Aye   निरख सखी ये खंजन आए फेरे उन मेरे रंजन ने नयन इधर मन भाए फैला उनके तन का …

Hindi Poem of Maithili Sharan Gupt “Mujhe Phool Mat Maro”, “मुझे फूल मत मारो  ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मुझे फूल मत मारो  Mujhe Phool Mat Maro मुझे फूल मत मारो, मैं अबला बाला वियोगिनी, कुछ तो दया विचारो। होकर मधु के मीत मदन, पटु, तुम कटु गरल …

Hindi Poem of Maithili Sharan Gupt “Shishir na phir giri van mein”, “शिशिर न फिर गिरि वन में  ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

शिशिर न फिर गिरि वन में  Shishir na phir giri van mein   शिशिर न फिर गिरि वन में जितना माँगे पतझड़ दूँगी मैं इस निज नंदन में कितना …

Hindi Poem of Maithili Sharan Gupt “”,Kushalgati “ कुशलगीत ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

कुशलगीत Kushalgati   हाँ, निशान्त आया, तूने जब टेर प्रिये, कान्त, कान्त, उठो, गाया— चौँक शकुन-कुम्भ लिये हाँ, निशान्त गाया । आहा! यह अभिव्यक्ति, द्रवित सार-धार-शक्ति । तृण तृण …

Hindi Poem of Maithili Sharan Gupt “Gungaan”, “गुणगान  ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

गुणगान  Gungaan   तेरे घर के द्वार बहुत हैं, किसमें हो कर आऊं मैं? सब द्वारों पर भीड़ मची है, कैसे भीतर जाऊं मैं? द्वारपाल भय दिखलाते हैं, कुछ …