Hindi Poem of Adam Gondvi “Vo jiske haath me chale he pero me bivai he“ , “वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है
Vo jiske haath me chale he pero me bivai he

वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है
उसी के दम से रौनक आपके बंगले में आई है

इधर एक दिन की आमदनी का औसत है चवन्नी का
उधर लाखों में गांधी जी के चेलों की कमाई है

कोई भी सिरफिरा धमका के जब चाहे जिना कर ले
हमारा मुल्क इस माने में बुधुआ की लुगाई है

रोटी कितनी महँगी है ये वो औरत बताएगी
जिसने जिस्म गिरवी रख के ये क़ीमत चुकाई है

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