Hindi Poem of Ashok Vajpayee “ Yuva jangal ”,”युवा जंगल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

युवा जंगल

 Yuva jangal

 

एक युवा जंगल मुझे,

अपनी हरी पत्तियों से बुलाता है।

मेरी शिराओं में हरा रक्त बहने लगा है

आँखों में हरी परछाइयाँ फिसलती हैं

कंधों पर एक हरा आकाश ठहरा है

होंठ मेरे एक हरे गान में काँपते हैं:

मैं नहीं हूँ और कुछ

बस एक हरा पेड़ हूँ

–हरी पत्तियों की एक दीप्त रचना!

ओ युवा जंगल

बुलाते हो

आता हूँ

एक हरे बसंत में डूबा हुआ

आऽताऽ हूं…।

 

 

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