Hindi Poem of Balswaroop Rahi “  Unke vade kal ke he ”,”उनके वादे कल के हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उनके वादे कल के हैं

 Unke vade kal ke he

 

उनके वादे कल के हैं

हम मेहमाँ दो पल के हैं ।

कहने को दो पलके हैं

कितने सागर छलके हैं ।

मदिरालय की मेज़ों पर

सौदे गंगा जल के हैं ।

नई सुबह के क्या कहने

ठेकेदार धुँधलके हैं ।

जो आधे में छूटी हम

मिसरे उसी ग़ज़ल के हैं ।

बिछे पाँव में क़िस्मत है

टुकड़े तो मखमल के हैं ।

रेत भरी है आँखों में

सपने ताजमहल के हैं ।

क्या दिमाग़ का हाल कहे

सब आसार खलल के हैं ।

सुने आपकी राही कौन

आप भला किस दल के हैं ।

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