Hindi Poem of Chandrasen Virat “Vandan mere desh”,”वंदन मेरे देश” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वंदन मेरे देश

 Vandan mere desh

वंदन मेरे देश – तेरा वंदन मेरे देश

पूजन,अर्चन,आराधन,अभिनन्दन मेरे देश

तुझसे पाई माँ की ममता

और पिता का प्यार 

तेरे अन्न,हवा,पानी से

देह हुई तैयार

तेरी मिट्टी-मिट्टी कब है, चंदन मेरे देश

वंदन मेरे देश – तेरा वंदन मेरे देश .

भिन्न-भिन्न भाषाएँ , भूषा

यद्यपि धर्म अनेक

किन्तु सभी भारतवासी हैं

और हृदय है एक

तुझ पर बलि है ,हृदय –हृदय का स्पंदन मेरे देश

वंदन मेरे देश – तेरा वंदन मेरे देश .

पर्वत, सागर, नदियाँ

ऐसा दृश्य कहाँ ,

स्वर्ग अगर है कहीं धरा पर

तो है सिर्फ यहाँ

तू ही दुनियाँ की धरती का वंदन मेरे देश

वंदन मेरे देश – तेरा वंदन मेरे देश .

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