Hindi Poem of Dhananjay singh “ Subah Subah suraj ne pucha”,”सुबह-सुबह सूरज ने पूछा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सुबह-सुबह सूरज ने पूछा

 Subah Subah suraj ne pucha

सुबह-सुबह सूरज ने पूछा

कहाँ बिताई रात कहो

कोई रचना आ चुपके से

कानों में बतियाई

या कि नए भावों की कोई

आहट पड़ी सुनाई

क्या कोई ऐसा विचार था

जिसने नींद उडाई

या फिर परी-लोक की छवि

सपनों में रही समाई

या कि राह में अड़ा रहा

मन का कोई आघात कहो.

कोई गीत नहीं रच पाए

क्या करते रहते हो

जगत-दिखावे को ही क्या

कागज़ काले करते हो

क्या मंचों पर ताली बजवाना

है चाह तुम्हारी

सच-सच बोलो क्या है

रचनाओं की राह तुम्हारी

क्यों मन करता तुम पर ऐसे

प्रश्नों की बरसात कहो.

उतर कहीं से आया कोई

मन में धीरे-धीरे

या कि कहीं मिल गए भाव के

उज्ज्वल मोती-हीरे

नूतन बिम्ब उभर कर कोई

शब्दों में आया है

या फिर कोई गीत

जन्म लेने को अकुलाया है

यदि ऐसा है तो फिर उसको

हँस कर ‘शुभ सुप्रभात’ कहो!

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