Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Pratham pyar ke chumban ki tarah  “ , “प्रथम प्यार के चुम्बन की तरह” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रथम प्यार के चुम्बन की तरह

Pratham pyar ke chumban ki tarah  

 

जब चले जाएंगे लौट के सावन की तरह ,

याद आएंगे प्रथम प्यार के चुम्बन की तरह |

ज़िक्र जिस दम भी छिड़ा उनकी गली में मेरा

जाने शरमाए वो क्यों गांव की दुल्हन की तरह |

कोई कंघी न मिली जिससे सुलझ पाती वो

जिन्दगी उलझी रही ब्रह्म के दर्शन की तरह |

दाग मुझमें है कि तुझमें यह पता तब होगा ,

मौत जब आएगी कपड़े लिए धोबन की तरह |

हर किसी शख्स की किस्मत का यही है किस्सा ,

आए राजा की तरह ,जाए वो निर्धन की तरह |

जिसमें इन्सान के दिल की न हो धड़कन की नीरज ‘

शायरी तो है वह अखबार की कतरन की तरह |

 

 

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