Hindi Poem of Gopaldas Neeraj’“Manav kavi ban jata hai , “मानव कवि बन जाता है ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मानव कवि बन जाता है -गोपालदास नीरज

Manav kavi ban jata hai –Gopaldas Neeraj

तब मानव कवि बन जाता है !

जब उसको संसार रुलाता,

वह अपनों के समीप जाता,

पर जब वे भी ठुकरा देते

 वह निज मन के सम्मुख आता,

पर उसकी दुर्बलता पर जब मन भी उसका मुस्काता है !

तब मानव कवि बन जाता है !

 

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