Hindi Poem of Ibne Insha “ Jane tu kya dhund raha he basti me virane me” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जाने तू क्या ढूँढ रहा है बस्ती में वीराने में

 Jane tu kya dhund raha he basti me virane me

जाने तू क्या ढूँढ रहा है बस्ती में वीराने में

लैला तो ऐ क़ैस मिलेगी दिल के दौलत-ख़ाने में

जनम जनम के सातों दुख हैं उस के माथे पर तहरीर

अपना आप मिटाना होगा ये तहरीर मिटाने में

महफ़िल में उस शख़्स के होते कैफ़ कहाँ से आता है

पैमाने से आँखों में या आँखों से पैमाने में

किस का किस का हाल सुनाया तू ने ऐ अफ़्साना-गो

हम ने एक तुझी को ढूँढा इस सारे अफ़्साने में

इस बस्ती में इतने घर थे इतने चेहरे इतने लोग

और किसी के दर पे पहुँचा ऐसा होश दिवाने में

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