Hindi Poem of Mira Bai “ Mai teri kana kon gunkaro, “माई तेरी काना कोन गुनकारो” Complete Poem for Class 10 and Class 12

माई तेरी काना कोन गुनकारो

 Mai teri kana kon gunkaro

 

माई तेरी काना कोन गुनकारो। जबही देखूं तबही द्वारहि ठारो॥ध्रु०॥

गोरी बावो नंद गोरी जशू मैया। गोरो बलिभद्र बंधु तिहारे॥ मा०॥१॥

कारो करो मतकर ग्वालनी। ये कारो सब ब्रजको उज्जारो॥ मा०॥२॥

जमुनाके नीरे तीरे धेनु चराबे। मधुरी बन्सी बजावत वारो॥ मा०॥३॥

मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल मोहि लागत प्यारो॥ मा०॥४॥

 

 

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