Hindi Poem of Mira Bai “ Mere to aaj sache rakho hari sache, “मेरे तो आज साचे राखे हरी साचे” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मेरे तो आज साचे राखे हरी साचे

 Mere to aaj sache rakho hari sache

 

मेरे तो आज साचे राखे हरी साचे। सुदामा अति सुख पायो दरिद्र दूर करी॥

साचे लोधि कहे हरी हाथ बंधाये। मारखाधी ते खरी॥ मे०॥२॥

साच बिना प्रभु स्वप्नामें न आवे। मरो तप तपस्या करी॥ मे०॥३॥

मीरा कहे प्रभू गिरिधर नागर। बल जाऊं गडी गडीरे॥ मे०॥४॥

 

 

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