Hindi Poem of Nagarjun “Meri bhi abha hai isme“ , “मेरी भी आभा है इसमें” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरी भी आभा है इसमें

Meri bhi abha hai isme

नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है

यह विशाल भूखंड आज जो दमक रहा है

मेरी भी आभा है इसमें

भीनी-भीनी खुशबूवाले

रंग-बिरंगे

यह जो इतने फूल खिले हैं

कल इनको मेरे प्राणों मे नहलाया था

कल इनको मेरे सपनों ने सहलाया था

पकी सुनहली फसलों से जो

अबकी यह खलिहाल भर गया

मेरी रग-रग के शोणित की बूंदें इसमें मुसकाती हैं

नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है

यह विशाल भूखंड आज जो चमक रहा है

 

 

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