Hindi Poem of Nander Sharma “  Jyoti chalke”,”ज्योति कलश छलके” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ज्योति कलश छलके

 Jyoti chalke

 

ज्योति कलश छलके

हुए गुलाबी, लाल सुनहरे

रंग दल बादल के

ज्योति कलश छलके 

घर आंगन वन उपवन उपवन

करती ज्योति अमृत के सींचन

मंगल घट ढल के 

ज्योति कलश छलके 

पात पात बिरवा हरियाला

धरती का मुख हुआ उजाला

सच सपने कल के

ज्योति कलश छलके 

ऊषा ने आँचल फैलाया

फैली सुख की शीतल छाया

नीचे आँचल के

ज्योति कलश छलके 

ज्योति यशोदा धरती मैय्या

नील गगन गोपाल कन्हैय्या

श्यामल छवि झलके 

ज्योति कलश छलके 

अम्बर कुमकुम कण बरसाये

फूल पँखुड़ियों पर मुस्काये

बिन्दु तुहिन जल के

ज्योति कलश छलके

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