Hindi Poem of Nander Sharma “Nena diwane ek nahi mane”,”नैना दीवाने एक नहीं माने” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नैना दीवाने एक नहीं माने

 Nena diwane ek nahi mane

 

हुए है पराये मन हार आये

मन का मरम जाने ना माने ना माने ना नैना दीवाने

जाना ना जाना मन ही ना जाना

चितवन का मन बनता निशाना

कैसा निशाना कैसा निशाना ,

मन ही पहचाने ना, माने ना माने ना नैना दीवाने

जीवन बेली करे अठखेली महके मन के बकुल

प्रीति फूल फूले झूला झूले, चहके बन बुलबुल,

महके मन के बकुल

मन क्या जाने, क्या होगा कल धार समय की बहती पलपल,

जीवन चँचल जीवन चँचल, दिन जाके फिर आने ना

माने ना माने ना नैना दीवाने

 

 

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