Hindi Poem of Nida Fazli “  Dil me na ho jurrat to mohobbat nahi milti”,”दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती

 Dil me na ho jurrat to mohobbat nahi milti

 

दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती

ख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती

कुछ लोग यूँ ही शहर में हमसे भी ख़फा हैं

हर एक से अपनी भी तबीयत नहीं मिलती

देखा था जिसे मैंने कोई और था शायद

वो कौन है जिससे तेरी सूरत नहीं मिलती

हँसते हुए चेहरों से है बाज़ार की ज़ीनत

रोने को यहाँ वैसे भी फुरसत नहीं मिलती

 

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