Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Milti he zindagi me mohobbat kabhi kabhi“ , “मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी कभी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी कभी

 Milti he zindagi me mohobbat kabhi kabhi

मिलती है ज़िंदगी में मोहब्बत कभी-कभी

होती है दिल्बरों की इनायत कभी-कभी

शर्मा के मुँह न फेर नज़र के सवाल पर

लाती है ऐसे मोड़ पर क़िस्मत कभी-कभी

खुलते नहीं हैं रोज़ दरिचे बहार के

आती है जान-ए-मन ये क़यामत कभी-कभी

तनहा न कट सकेंगे जवानी के रास्ते

पेश आएगी किसीकी ज़रूरत कभी-कभी

फिर खो न जाएँ हम कहीं दुनिया की भीड़ में

मिलती है पास आने की मुहलत कभी-कभी

होती है दिलबरों की इनायत कभी-कभी

मिलती है ज़िंदगी में मोहब्बत कभी कभी

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.