Hindi Poem of Piyush Mishra “ Pagdi sambhal jatta”,”पगड़ी सँभाल जट्टा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पगड़ी सँभाल जट्टा

 Pagdi sambhal jatta

 

पगड़ी सँभाल जट्टा उड़ी चली जाए रे

पगड़ी की गाँठ पे कोई हाथ ना लगाए रे

मोड़ दे हवा के रुख़ को जो वो आड़े आए रे

रोक दे उमड़ती रुत को आँख जो दिखाए रे

सरकटी उम्मीदों के पल याद में सजाए रे

ख़ून से सनी मिट्टी को भूल तो ना जाए रे

देख देती है वो क़समें अब मचा दे हाय रे

फिर भले ही सारी पगड़ी ख़ून में नहाए रे

पगड़ी सँभाल जट्टा…

 

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