Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Yaad tumhari aati he”,” याद तुम्हारी आती है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

याद तुम्हारी आती है

 Yaad tumhari aati he

 

जब पलकें झपका कर नभ में तारे हँसते,

तब मेरे मन को याद तुम्हारी आती है!

जब झूम-झूम उठते फूलों के दल के दल ,

मधुमय वसन्तश्री राग लुटाती आती है

गुन-गुन के गुंजन में वन की डाली-दाली

,सौरभ मधु से मधुपों की प्यास मिटाती है ,

अमराई की डालों से उठती कूक पिकी की आकुलता

तब मेरे मन को याद तुम्हारी आती है!

जब किसी द्वार पर अपनी झोली फैला कर ,

कोई अंधा भिक्षुक जिसका घर-बार नहीं ,

गा उठता कोई करुण मधुर संगीत

कि दाता जो देदे वह होगा अस्वीकार नहीं!

अभिमानी मन का मान डोल उठता है जब ,

तब मेरे मन को याद तुम्हारी आती है!

 

 

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