Hindi Poem of Ramavtar Tyagi “Prashan kiya hai mere man ke meet ne, “प्रश्न किया है मेरे मन के मीत ने ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

प्रश्न किया है मेरे मन के मीत ने – रामावतार त्यागी

Prashan kiya hai mere man ke meet ne -Ramavtar Tyagi

 

प्रश्न किया है मेरे मन के मीत ने
मेरा और तुम्हारा क्या सम्बन्ध है

वैसे तो सम्बन्ध कहा जाता नहीं
व्यक्त अगर हो जाए तो नाता नहीं
किन्तु सुनो लोचन को ढाँप दुकूल से
जो सम्बन्ध सुरभि का होता फूल से
मेरा और तुम्हारा वो सम्बन्ध है

मेरा जन्म दिवस ही जग का जन्म है
मेरे अन्त दिवस पर दुनिया खत्म है
आज बताता हूँ तुमको ईमान से
जो सम्बन्ध कला का है इंसान से
मेरा और तुम्हारा वो सम्बन्ध है

मैं न किसी की राजनीत का दाँव हूँ
देदो जिसको दान न ऐसा गाँव हूँ
झूठ कहूँगा तो कहना किस काम का
जो सम्बन्ध प्रगति और विराम का
मेरा और तुम्हारा वो सम्बन्ध है

करता हूँ मैं प्यार सुनाता गीत हूँ
जीवन मेरा नाम सृजन का मीत हूँ
और निकट आ जाओ सुनो न दूर से
जो सम्बन्ध स्वयंवर का सिन्दूर से
मेरा और तुम्हारा वो सम्बन्ध है

मैं रंगीन उमंगों का समुदाय हूँ
सतरंगी गीतों का एक निकाय हूँ
और कहूँ क्या तुम हो रहे उदास से
जो सम्बन्ध समर्पण का विश्वास से
मेरा और तुम्हारा वो सम्बन्ध है

प्रश्न किया मेरे मन के मीत ने
मेरा और तुम्हारा क्या सम्बन्ध है

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