Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Mene tujhe manga tujhe paya he“ , “मैंने तुझे माँगा तुझे पाया है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मैंने तुझे माँगा तुझे पाया है

 Mene tujhe manga tujhe paya he

मैंने तुझे माँगा तुझे पाया है

तूने मुझे माँगा मुझे पाया है

आगे हमें जो भी मिले या ना मिले गिला नहीं

छाँव घनी ही नहीं धूप कड़ी भी होती है राहों में

ग़म हो कि ख़ुशियाँ हों हमको सभी लेना है बाँहों में

यों दुखी हो के जीने वाले क्या ये तुझे पता नहीं

मैने तुझे माँगा …

ज़िद है तुम्हें तो लो लब पे न शिकवा कभी भी लाएँगे

हँस के सहेंगे जो दर्द या ग़म ये जहाँ से पाएँगे

तुझको जो बुरा लगे ऐसा भी किया नहीं

मैने तुझे माँगा …

 

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