Hindi Poem of Divik Ramesh “Mene kaha haa”,” मैंने कहा – हाँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मैंने कहा – हाँ

 Mene kaha haa

बहुत नशेड़ी होकर भी

चाह रहा था समुद्र मॆं पीता रहूँ ।

पीता रहूँ बैठा गोवा के तट पर ।

नशे में डूबता आदमी ही चाहता हॆ

डूबता जाए पूरा ब्रह्माण्ड नशे में ।

पास बैठा मेरा मित्र

कर रहा था जिद

थोड़ा और पीऊँ

और मैंने भी कह दिया – हाँ ।

मुझे बहुत डर लगा था

कहीं आसपास न हो माँ

और पिता की अदृश्य मौजूदगी में भी

मैं अदृश्य होने लगा था ।

मैंने कहा था – हाँ

ना ही तो सुनता आया हूँ आज तक ।

झाड़ता ही रहा हूँ गर्द

देर से अपढ़ी किताब-सी

याद की । आओ

आओ लहरो

मेरे पास बैठो और लौट जाओ ।

दुत्कारा हुआ मैं

चाहता तो बहुत हूँ

कि करूँ सत्कार तुम्हारा

पर हारा हारा हारा हारा ।

अपनी ही हाँ से हारा ।

 

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