Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Mere geet tumhare he“ , “मेरे गीत तुम्हारे हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरे गीत तुम्हारे हैं

 Mere geet tumhare he

अब तक मेरे गीतों में उम्मीद भी थी पसपाई भी

मौत के क़दमों की आहट भी, जीवन की अंगड़ाई भी

मुस्तकबिल की किरणें भी थीं, हाल की बोझल ज़ुल्मत भी

तूफानों का शोर भी था और ख्वाबों की शहनाई भी

आज से मैं अपने गीतों में आतश–पारे भर दूंगा

मद्धम लचकीली तानों में जीवन–धारे भर दूंगा

जीवन के अंधियारे पथ पर मशअल लेकर निकलूंगा

धरती के फैले आँचल में सुर्ख सितारे भर दूंगा

आज से ऐ मज़दूर-किसानों! मेरे राग तुम्हारे हैं

फ़ाकाकश इंसानों! मेरे जोग बिहाग तुम्हारे हैं

जब तक तुम भूके-नंगे हो, ये शोले खामोश न होंगे

जब तक बे-आराम हो तुम, ये नगमें राहत कोश न होंगे

मुझको इसका रंज नहीं है लोग मुझे फ़नकार न मानें

फ़िक्रों-सुखन के ताजिर मेरे शे’रों  को अशआर न मानें

मेरा फ़न, मेरी उम्मीदें, आज से तुमको अर्पन हैं

आज से मेरे गीत तुम्हारे दुःख और सुख का दर्पन हैं

तुम से कुव्वत लेकर अब मैं तुमको राह दिखाऊँगा

तुम परचम लहराना साथी, मैं बरबत पर गाऊंगा

आज से मेरे फ़न का मकसद जंजीरें पिघलाना है

आज से मैं शबनम के बदले अंगारे बरसाऊंगा

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