Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “Kavya path“ , “काव्य-पाठ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

काव्य-पाठ

 Kavya path

खूब-खूब हुआ काव्य-पाठ

खूब-खूब सराहा गया एक दूसरे को जमकर

खूब-खूब जगा और जगाया गया आत्मबोध

श्रोता चुपचाप रहे की शायद कहीं हों उनके भी शब्द

उनका भी कोई बिम्ब हो कहीं

कहीं कोई जानी- पहचानी लय उनकी हो अपनी

या फिर कोई बात

घर-घाट, बाजार-हाट, लूट-पाट भी

कुछ भी नहीं था कहीं केवल काव्य-पाठ

काव्य-पाठ केवल था कवियों की भाषा में

कवियों की बातचीत की तरह

यहाँ तक की समय भी अनुपस्थित था

वहाँ

उनके बीच

 

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