Hindi Poem of Sur Das “ Nainan me lagi rahe gopal, “नेननमें लागि रहै गोपाळ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

नेननमें लागि रहै गोपाळ

 Nainan me lagi rahe gopal

 

नेननमें लागि रहै गोपाळ नेननमें ॥ध्रु०॥

मैं जमुना जल भरन जात रही भर लाई जंजाल ॥ने०॥१॥

रुनक झुनक पग नेपुर बाजे चाल चलत गजराज ॥ने०॥२॥

जमुनाके नीर तीर धेनु चरावे संग लखो लिये ग्वाल ॥ने०॥३॥

बिन देखे मोही कल न परत है निसदिन रहत बिहाल ॥ने०॥४॥

लोक लाज कुलकी मरजादा निपट भ्रमका जाल ॥ने०॥५॥

वृंदाबनमें रास रचो है सहस्त्र गोपि एक लाल ॥ने०॥६॥

मोर मुगुट पितांबर सोभे गले वैजयंती माल ॥ने०॥७॥

शंख चक्र गदा पद्म विराजे वांके नयन बिसाल ॥ने०॥८॥

सुरदास हरिको रूप निहारे चिरंजीव रहो नंद लाल ॥ने०॥९॥

 

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