Hindi Poem of Surdas “Jasoda hari Palne jhulave , “जसोदा हरि पालनैं झुलावै ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

जसोदा हरि पालनैं झुलावै -सूरदास

Jasoda hari Palne jhulave – Surdas

 

जसोदा हरि पालनैं झुलावै।

 हलरावै, दुलराइ मल्हावै, जोइ-जोइ कछु गावै ॥

 मेरे लाल कौं आउ निंदरिया, काहैं न आनि सुवावै ।

 तू काहैं नहिं बेगहिं आवै, तोकौं कान्ह बुलावै ॥

 कबहुँ पलक हरि मूँदि लेत हैं, कबहुँ अधर फरकावै ।

 सोवत जानि मौन ह्वै कै रहि, करि-करि सैन बतावै ॥

 इहिं अंतर अकुलाइ उठे हरि, जसुमति मधुरैं गावै ।

 जो सुख सूर अमर-मुनि दुरलभ, सो नँद-भामिनि पावै ॥

 

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