Hindi Poem of Tabish Kamal “ Hamara Dubna mushkil nahi tha“ , “हमारा डूबना मुश्किल नहीं था” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हमारा डूबना मुश्किल नहीं था

 Hamara Dubna mushkil nahi tha

नज़र में दूर तक साहिल नहीं था

कहाँ था गुफ़्तुगू करते हुए वो

वो था भी तो सर-ए-महफ़िल नहीं था

मैं उस को सब से बेहतर जानता हूँ

जिसे मेरा पता हासिल नहीं था

ज़माने से अलग थी मेरी दुनिया

मैं उस की दौड़ में शामिल नहीं था

वो पत्थर भी था कितना ख़ूब-सूरत

जो आईना था लेकिन दिल नहीं था

हम उस धरती के बाषिंदे थे ‘ताबिष’

कि जिस को कोई मुस्तकबि़ल नहीं था

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