Hindi Short Story and Hindi Poranik kathaye on “Rakshash Gyasur ke karan ban gya hai moksh sthali” Hindi Prernadayak Story for All Classes.

एक राक्षस गयासुर के कारण बन गया हे मोक्ष स्थली।

Ek Rakshash Gyasur ke karan ban gya hai moksh sthali

पुराणों के अनुसार गया में एक राक्षस हुआ ज‌िसका नाम था गयासुर। गयासुर को उसकी तपस्या के कारण वरदान म‌िला था क‌ि जो भी उसे देखेगा या उसका स्पर्श करगे उसे यमलोक नहीं जाना पड़ेगा। ऐसा व्यक्त‌ि सीधे व‌िष्‍णुलोक जाएगा। इस वरदान के कारण यमलोक सूना होने लगा।

इससे परेशान होकर यमराज ने जब ब्रह‍्मा, व‌िष्णु और शिव से यह कहा क‌ि गयासुर के कारण अब पापी व्यक्त‌ि भी बैकुंठ जाने लगा है इसल‌िए कोई उपाय क‌िज‌िए। यमराज की स्‍थ‌ित‌ि को समझते हुए ब्रह‍्मा जी ने गयासुर से कहा क‌ि तुम परम पव‌ित्र हो इसल‌िए देवता चाहते हैं क‌ि हम आपकी पीठ पर यज्ञ करें।

गयासुर इसके ल‌िए तैयार हो गया। गयासुर के पीठ पर सभी देवता और गदा धारण कर व‌िष्‍णु स्‍थ‌ित हो गए। गयासुर के शरीर को स्‍थ‌िर करने के ल‌िए इसकी पीठ पर एक बड़ा सा श‌िला भी रखा गया था। यह श‌िला आज प्रेत श‌िला कहलाता है।

गयासुर के इस समर्पण से व‌िष्‍णु भगवान ने वरदान द‌िया क‌ि अब से यह स्‍थान जहां तुम्हारे शरीर पर यज्ञ हुआ है वह गया के नाम से जाना जाएगा। यहां पर प‌िंडदान और श्राद्ध करने वाले को पुण्य और प‌िंडदान प्राप्त करने वाले को मुक्त‌ि म‌िल जाएगी। यहां आकर आत्मा को भटकना नहीं पड़ेगा।

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