Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Dukhi man mere sun mera kahna“ , “दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना

 Dukhi man mere sun mera kahna

दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना

जहाँ नहीं चैना वहाँ नहीं रहना

दुखी मन…

दर्द हमारा कोई न जाने

अपनी गरज के सब हैं दीवाने

किसके आगे रोना रोएं

देस पराया लोग बेगाने

दुखी मन…

लाख यहाँ झोली फैला ले

कुछ नहीं देंगे इस जग वाले

पत्थर के दिल मोम न होंगे

चाहे जितना नीर बहाले

दुखी मन…

अपने लिये कब हैं ये मेले

हम हैं हर इक मेले में अकेले

क्या पाएगा उसमें रहकर

जो दुनिया जीवन से खेले

दुखी मन…

 

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