Hindi Poem of Adam Gondvi “Aankh par patti rahe aur akal par tala rahe“ , “आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे
Aankh par patti rahe aur akal par tala rahe

आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे
अपने शाहे-वक़्त का यूँ मर्तबा आला रहे

तालिबे शोहरत हैं कैसे भी मिले मिलती रहे
आए दिन अख़बार में प्रतिभूति घोटाला रहे

एक जनसेवक को दुनिया में अदम क्या चाहिए
चार छ: चमचे रहें माइक रहे माला रहे

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