Hindi Poem of Adam Gondvi “Ghar me thande chulhe par agar khali patili he“ , “घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है
Ghar me thande chulhe par agar khali patili he

घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है
बताओ कैसे लिख दूँ धूप फागुन की नशीली है

भटकती है हमारे गाँव में गूँगी भिखारन-सी
सुबह से फरवरी बीमार पत्नी से भी पीली है

बग़ावत के कमल खिलते हैं दिल की सूखी दरिया में
मैं जब भी देखता हूँ आँख बच्चों की पनीली है

सुलगते जिस्म की गर्मी का फिर एहसास हो कैसे
मोहब्बत की कहानी अब जली माचिस की तीली है

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